
खतरनाक वायु प्रदूषण की चेतावनी! सोमवार 4 नवंबर को, भारत की राजधानी नई दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई- वायु गुणवत्ता सूचकांक) 604 पर पहुंच गया!
इसका क्या मतलब है? वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) वायु प्रदूषण का एक माप है। चार्ट 500 तक जाता है। ये जितना नीचे हो मतलब हवाउतनी ही साफ़ है। 100 से अधिक जितना भी हो, मतलब लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
सरकारी एजेंसियां यह बताने के लिए एक्यूआई का उपयोग करती हैं कि वर्तमान में वायु कितनी प्रदूषित है।
जैसे ही एक्यूआई बढ़ता है, अधिक लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव होने की संभावना होती है।
नई दिल्ली में इतनी खराब हवा क्यों है?
शहर और आस-पास के इलाकों को घने जहरीले स्मॉग ने घेर लिया है। यह स्मॉग जहरीले कणों और धूल की एक परत है, जिससे कई स्थानों पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। ये कण विशेष रूप से चिंताजनक हैं क्योंकि ये फेफड़े और रक्त टिसू में प्रवेश करने में सक्षम होते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। लोग पड़ोसी राज्यों में फसलों को जलाना, औद्योगिक और वाहन से हो रही जहरीली गैस के उत्सर्जन को इसके लिए दोषी मानते हैं।
इस शहर के 25 मिलियन लोगों को अक्सर सांस लेने वाली प्रदूषित हवा से निपटना पड़ता है। लेकिन जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आता है, वैसे-वैसे समस्या और भी बदतर होती जाती है। गर्म हवा ऊपर उठ जाती है, और ठंडी हवा घनी होती है और नीचे उतरती है। दिल्ली में सर्दियों के दौरान धीमी हवाएं और ठंडा तापमान प्रदूषित हवा को ऊपर नहीं जाने देते हैं और इस क्षेत्र को छोड़ने
नहीं देते हैं। इसी की वजह से वास्तव में हवा में घुलने वाले प्रदूषक ज़मीन के करीब आ गए हैं और शहर को एक जहरीले कंबल की तरह ढंक रखा है।
ज़रा रुकिए: क्या हमने यह पहले भी सुना है? हाँ, हमने पिछले साल भी इस समय इसके बारे में लिखा था। अरविंद केजरीवाल यहाँ के मुख्यमंत्री हैं। वे कहते हैं कि वे इस समस्या का हल खोजने के लिए दृढ़ हैं, और पड़ोसी राज्यों के नेताओं के साथ मिलकर इस विषैले मुद्दे का समाधान खोजेंगे। उनकी एक पहल उनकी विषम-सम (ऑड-ईवन) योजना को बहाल करना है, जिसके तहत जिनकी कार के लाइसेंस प्लेट पर अंतिम संख्या विषम है वे महीने के विषम संख्या वाले दिनों में ही अपनी कारों का उपयोग करेंगे, और सम संख्या वाले लोग इस दिन अपनी कारें सड़क पर ना उतारें । वे कार पूलिंग को प्रोत्साहित करके कम हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करने के लिए सड़क पर कारों की संख्या कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
अन्य नियमों के अंतर्गत लोगों को कचरा जलाने से रोकना है, और निर्माण गतिविधियों को सीमित करना है।
हमें उम्मीद है कि सर्दियों के आने तक नई दिल्ली में स्थिति बेहतर हो जाए, और यह कि नेता एकसाथ आकर कुछ स्थायी समाधान ले आएं।
एक्यूआई क्ष्रेणी इससे स्वास्थ पर होने वाले प्रभाव
अच्छी (0-50)- न्यूनतम प्रभाव
संतोषजनक (51-100) – संवेदनशील लोगों के लिए थोड़ी सांस की तकलीफ़
मध्यम स्तर पर दूषित (101-200) – अस्थमा जैसी फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीज को सांस लेने में परेशानी और हृदय रोग के मरीज़ों को भी परेशानी हो सकती है
खराब (201-300)- ज़्यादा लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने वाले लोगों और हृदय रोग के मरीज़ों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है
बहुत खराब (301-400)- ज़्यादा लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने वाले लोगों के लिए सांस की समस्या हो सकती है । फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीज और हृदय रोग के मरीज़ों को ज़्यादा खतरा।
गंभीर (401-500)- स्वस्थ लोगों को सांस की तकलीफ़ और फेफड़ों/ हृदय रोग के मरीज़ों को गंभीर स्वास्थ समस्याएं हो सकती है। ये स्वास्थ समस्याएं हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियों के दौरान भी अनुभव हो सकती है।